Manish Gupta Biography 2025: भारतीय सिनेमा में थ्रिलर और क्राइम बेस्ड फिल्मों की जब बात आती है, तो मनीष गुप्ता का नाम बड़ी शान से लिया जाता है। उन्होंने अपनी रचनात्मकता, शोध और डायरेक्शन से दर्शकों को प्रभावित किया है। 2025 में भी उनकी लोकप्रियता और सिनेमा में योगदान उल्लेखनीय है। इस लेख में हम जानेंगे उनके जीवन, करियर, फिल्मों, पुरस्कारों और योगदान के बारे में विस्तार से।
Manish Gupta Biography 2025: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि
मनीष गुप्ता का जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ। उनका बचपन एक मध्यमवर्गीय परिवार में बीता, जहाँ शिक्षा और नैतिक मूल्यों को बहुत महत्व दिया जाता था।
विवरण | जानकारी |
---|---|
पूरा नाम | मनीष गुप्ता |
जन्म स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
जन्म वर्ष | अनुमानतः 1975-1980 के बीच |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
Manish Gupta Education
मनीष गुप्ता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के एक प्रतिष्ठित स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। फिल्म निर्माण के प्रति उनके झुकाव ने उन्हें फिल्म एंड टेलीविजन से जुड़े कोर्सेज की ओर प्रेरित किया।

Manish Gupta Film Career
राम गोपाल वर्मा के साथ जुड़ाव
मनीष गुप्ता का फिल्मी करियर तब गति पकड़ता है जब वे राम गोपाल वर्मा के साथ स्क्रिप्ट राइटर के रूप में काम करने लगे। उन्होंने ‘सत्य’, ‘कंपनी’ और ‘सत्या 2’ जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
पहली फिल्म निर्देशन
मनीष गुप्ता ने 2005 में निर्देशक के तौर पर अपना डेब्यू किया फिल्म ‘द स्टॉनमैन मर्डर्स’ से, जो एक सच्ची घटना पर आधारित थी। इस फिल्म की प्रशंसा हुई और उन्होंने बतौर निर्देशक अपनी पहचान बना ली।
प्रसिद्ध फिल्में और उनकी थीम
1. रहस्य (Rahasya – 2015)
यह फिल्म आरुषि तलवार मर्डर केस से प्रेरित थी। मनीष ने इस फिल्म में शानदार रिसर्च और कहानी कहने की क्षमता दिखाई।
2. सेक्शन 375 (2019)
यह कोर्टरूम ड्रामा भारतीय कानून व्यवस्था पर आधारित है। फिल्म को आलोचकों और दर्शकों से सराहना मिली।
3. ऑक्सिजन (2021) – वेब सीरीज़
मनीष गुप्ता ने डिजिटल माध्यम पर भी अपने निर्देशन का जलवा बिखेरा।
फिल्मों की सूची (महत्वपूर्ण)
वर्ष | फिल्म/सीरीज का नाम | भूमिका | विषयवस्तु |
---|---|---|---|
2005 | द स्टॉनमैन मर्डर्स | निर्देशक | सच्ची घटना पर आधारित |
2015 | रहस्य | लेखक/निर्देशक | मर्डर मिस्ट्री |
2019 | सेक्शन 375 | लेखक | कानून और न्याय |
2021 | ऑक्सिजन (वेब सीरीज) | निर्देशक | थ्रिलर |
लेखन शैली और दृष्टिकोण
मनीष गुप्ता की लेखन शैली वास्तविक घटनाओं पर आधारित होती है। वे समाज के संवेदनशील मुद्दों जैसे न्याय, भ्रष्टाचार, हत्या, अपराध, पुलिस और कोर्ट केस को केंद्र में रखते हैं।
उनकी रिसर्च इतनी सटीक होती है कि फिल्में डॉक्यूमेंट्री जैसी लगने लगती हैं, परंतु मनोरंजन के साथ।
Manish Gupta Awards और सम्मान
मनीष गुप्ता को कई फिल्म फेस्टिवल और अवॉर्ड शोज़ में सम्मानित किया गया है। विशेष रूप से “सेक्शन 375” के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ कहानी लेखक का पुरस्कार मिला।
पुरस्कार का नाम | वर्ष | फिल्म | श्रेणी |
---|---|---|---|
इंडियन फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड | 2020 | सेक्शन 375 | सर्वश्रेष्ठ कहानी |
डिजिटल डायरेक्टर अवॉर्ड | 2022 | ऑक्सिजन (वेब सीरीज) | बेस्ट थ्रिलर डायरेक्टर |
सामाजिक योगदान और रियलिटी
समाज के प्रति सजगता
मनीष गुप्ता अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं। वे गंभीर और वास्तविक विषयों को चुनते हैं जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं।
मीडिया और इंटरव्यू
वह कई बार मीडिया में कहते नज़र आए हैं कि “एक फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ समाज में सोच बदलने का माध्यम होनी चाहिए।”
डिजिटल युग में कदम
मनीष गुप्ता ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, और डिज़्नी+हॉटस्टार के लिए भी कंटेंट डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया है। उन्होंने थ्रिलर जॉनर में डिजिटल ऑडियंस को भी आकर्षित किया है।
निजी जीवन
पारिवारिक जीवन
मनीष गुप्ता अपने निजी जीवन को बेहद निजी रखते हैं। उनकी पत्नी और बच्चे भी मीडिया की चकाचौंध से दूर रहते हैं।
शौक और रुचियाँ
उन्हें किताबें पढ़ना, क्राइम डॉक्यूमेंट्री देखना और यात्रा करना पसंद है। ये रुचियाँ उनकी फिल्म बनाने की प्रक्रिया में सहायता करती हैं।
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2025 में मनीष गुप्ता की स्थिति
2025 में मनीष गुप्ता न केवल एक सफल निर्देशक बल्कि एक लेखक और निर्माता भी हैं। उनके पास कई आगामी प्रोजेक्ट्स हैं जिनमें राजनीतिक थ्रिलर और रियल केस बेस्ड वेब सीरीज शामिल हैं।

प्रोजेक्ट का नाम | माध्यम | अनुमानित रिलीज |
---|---|---|
संसद के साए में | फिल्म | 2025 के अंत तक |
अदालत (वेब सीरीज) | डिज़िटल | 2025 मध्य |
प्रेरणा स्रोत और युवाओं को संदेश
मनीष गुप्ता युवाओं को यही संदेश देते हैं कि रिसर्च और ईमानदारी से फिल्म बनाओ, कहानी को दिल से जियो। उनका मानना है कि सिनेमा केवल चमक-धमक नहीं, समाज को दिशा देने का माध्यम है।
निष्कर्ष
मनीष गुप्ता उन फिल्मकारों में से हैं जिन्होंने दिखाया कि बिना बड़े स्टारकास्ट और भारी बजट के भी फिल्मों को सफल और सार्थक बनाया जा सकता है। 2025 में उनका सफर प्रेरणादायक है और आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल है।