Shankar Mahadevan Biography 2025: शंकर महादेवन भारतीय संगीत जगत का वह नाम हैं, जो शास्त्रीय, पॉप, बॉलीवुड और फ्यूजन संगीत के क्षेत्र में अपनी बहुआयामी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं। एक प्रसिद्ध गायक, संगीतकार, और शंकर-एहसान-लॉय तिकड़ी के स्तंभ सदस्य के रूप में, उन्होंने भारतीय संगीत में अमिट छाप छोड़ी है। 2025 तक शंकर महादेवन की यात्रा सिर्फ एक कलाकार की नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व की कहानी बन चुकी है।
Shankar Mahadevan Biography 2025: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि
शंकर महादेवन का जन्म 3 मार्च 1967 को मुंबई, महाराष्ट्र में एक तमिल अय्यर परिवार में हुआ था। उनका पालन-पोषण चेन्नई और मुंबई के बीच हुआ।
शिक्षा
वे बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे और उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।
विवरण | जानकारी |
---|---|
जन्मतिथि | 3 मार्च 1967 |
जन्मस्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
शिक्षा | कंप्यूटर इंजीनियरिंग (Mugals College of Engineering, Mumbai) |
धर्म | हिन्दू |
जातीयता | तमिल ब्राह्मण |
संगीत की ओर रुझान
बचपन में संगीत प्रशिक्षण
शंकर महादेवन ने 5 वर्ष की उम्र में वीणा बजाना सीखना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और कर्नाटिक संगीत की विधिवत शिक्षा ली।
गुरुओं से संगीत की शिक्षा
उन्होंने श्री लक्ष्मण प्रसाद जी से हिंदुस्तानी संगीत और श्री टी.आर. बालासुब्रमण्यम से कर्नाटिक संगीत की शिक्षा प्राप्त की।
Shankar Mahadevan Career

एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से संगीतकार तक
शंकर महादेवन ने अपनी करियर की शुरुआत एक सॉफ्टवेयर कंपनी “Oracle” में इंजीनियर के रूप में की थी। लेकिन संगीत के प्रति उनके जुनून ने उन्हें संगीत की दुनिया में खींच लाया।
पहला म्यूजिक एल्बम – “Breathless”
1998 में उनका एल्बम “Breathless” आया, जिसने रातों-रात उन्हें एक सुपरस्टार बना दिया। यह एल्बम आज भी भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री का माइलस्टोन माना जाता है।
शंकर-एहसान-लॉय – सफल तिकड़ी की शुरुआत
गठन और प्रसिद्धि
शंकर ने एहसान नूरानी और लॉय मेंडोंसा के साथ मिलकर संगीतकार तिकड़ी बनाई – शंकर-एहसान-लॉय। इस तिकड़ी ने भारतीय फिल्म संगीत को एक नया आयाम दिया।
प्रमुख फिल्में | वर्ष | हिट गाने |
---|---|---|
दिल चाहता है | 2001 | दिल चाहता है |
कल हो ना हो | 2003 | कल हो ना हो |
ता रा रम पम | 2007 | सब सीधी बात है |
रा.वन | 2011 | चलेया चलेया |
ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा | 2011 | सेनोरिटा |
शंकर महादेवन की सिंगिंग शैली
बहुभाषीय प्रतिभा
शंकर ने हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और मराठी जैसी कई भाषाओं में गाने गाए हैं।
शैलियों की विविधता
वे शास्त्रीय संगीत से लेकर फ्यूजन, बॉलीवुड, भक्ति और सूफी संगीत तक में पारंगत हैं।
Shankar Mahadevan Awards और सम्मान
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान
शंकर महादेवन को भारत सरकार ने 2011 में पद्म श्री से सम्मानित किया।
पुरस्कार का नाम | वर्ष | श्रेणी |
---|---|---|
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार | 2007 | सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक |
IIFA अवार्ड | 2004 | सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन |
पद्म श्री | 2011 | कला के क्षेत्र में योगदान |
मिर्ची म्यूजिक अवार्ड | कई बार | गायक/संगीत निर्देशक |
संगीत शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
शंकर महादेवन अकादमी
2010 में उन्होंने “Shankar Mahadevan Academy” की स्थापना की, जहाँ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संगीत सिखाया जाता है।
उद्देश्य
भारत की संगीत परंपरा को डिजिटल युग से जोड़ना और दुनिया भर के संगीत प्रेमियों को उच्च गुणवत्ता की संगीत शिक्षा देना।
व्यक्तिगत जीवन
पारिवारिक जीवन
शंकर महादेवन के दो बेटे हैं, जिनमें से शिवम महादेवन भी एक गायक हैं और बॉलीवुड में अपने पिताजी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
परिवार का नाम | भूमिका |
---|---|
पत्नी – संगीता महादेवन | गृहिणी |
बेटा – शिवम महादेवन | गायक |
बेटा – सिद्धार्थ महादेवन | गायक-संगीतकार |
टेलीविजन और जजिंग
रियलिटी शो में उपस्थिति
शंकर महादेवन ने कई म्यूजिक रियलिटी शोज में जज के रूप में भाग लिया जैसे:
- सा रे गा मा पा
- द वॉइस इंडिया
- इंडियन आइडल
इन शोज़ में उनकी सकारात्मक आलोचना और मार्गदर्शन ने कई नए कलाकारों को संबल दिया।
2020 के बाद की यात्रा (2020-2025)
कोविड के बाद संगीत की नई दिशा
कोविड-19 के दौरान उन्होंने कई डिजिटल कॉन्सर्ट्स में भाग लिया और शंकर महादेवन अकादमी को वर्चुअल शिक्षा का एक मजबूत मंच बनाया।
2022-2025 तक उनके मुख्य कार्य
- अंतरराष्ट्रीय कॉन्सर्ट टूर
- डिजिटल एल्बम्स की रिलीज़
- नए गायकों के लिए मंच तैयार करना
शंकर महादेवन की सफलता के मंत्र
- संगीत के प्रति निष्ठा
- सतत अभ्यास और मेहनत
- परंपरा और नवाचार का संतुलन
- युवा प्रतिभाओं को मौका देना

शंकर महादेवन की लोकप्रिय गानों की सूची
गाने का नाम | फिल्म/एल्बम | वर्ष |
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Breathless | Breathless | 1998 |
Mitwa | कभी अलविदा ना कहना | 2006 |
Maa | तारे ज़मीन पर | 2007 |
Senorita | ZNMD | 2011 |
Gallan Goodiyan | दिल धड़कने दो | 2015 |
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सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान
समाज सेवा
शंकर महादेवन ने पर्यावरण, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधित अभियानों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है।
सांस्कृतिक राजदूत
वे भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच पर पेश करने वाले प्रमुख कलाकारों में से एक हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
शंकर महादेवन सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि एक युग हैं। 2025 में वे संगीत के क्षेत्र में 25 से अधिक वर्षों की उपलब्धियों के साथ एक प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी जीवन यात्रा दर्शाती है कि जब जुनून, मेहनत और समर्पण एक साथ चलते हैं, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है। आने वाले वर्षों में भी संगीत की इस महान आत्मा से हमें नई ऊंचाइयों की उम्मीद है।